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Paper Title

भारत में सुशासन के मार्ग के रूप में आरटीआई अधिधनयम की भूमिका

Article Type

Research Article

Issue

Volume : Volume 7 | Issue : Issue 10 | Page No : 438-442

Published On

October, 2022

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Abstract

सार- लोकतंत्र के ललए सुशासन एक पूर्ााकांलित आधार है। इस तरह के शासन मेंपारदलशाता, जर्ाबदेही, कानून का शासन और लोगों की भागीदारी जैसे कु छ कारक शालमल होते हैं। हर लोकतांलत्रक देश में सुशासन और पारदलशाता की जरूरत होती है और भारत एक लोकतांलत्रक देश है। इसललए यह आर्श्यक है लक भारत मेंभी नागररकों को राजनीलतक प्रलिया मेंस्वतंत्र रूप से, खुले तौर पर और पूरी तरह से भाग लेने की अनुमलत दी जाए। शासन से सुशासन में पररर्तान तभी संभर् है, जब शासन में लोगों की भागीदारी बढ़ाने और सूचना तक मुक्त पहंच की संभार्ना हो। इस तथ्य को महसूस करते हए, भारतीय संसद ने सरकार को जर्ाबदेह, लजम्मेदार, कु शल और पारदशी बनाने के ललए सूचना का अलधकार अलधलनयम, 2005 पाररत लकया है। सूचना का अलधकार अलधलनयम, न के र्ल सम्मान के साथ जीर्न जीने की राजनीलतक स्वतंत्रता को स्वीकार करता है बल्कि र्चास्व और भेदभार् से मुक्त भी है। सूचक शब्द - सुशासन, सूचना का अलधकार अलधलनयम, भ्रष्टाचार, जर्ाबदेही, पारदलशाता

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