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Aadhunik Krshi Ka Paryaavaran Par Prabhaav

Published On: June, 2023

Article Type: Research Article

Journal: Shikshan Sanshodhan : Journal Of Arts, Humanities And Social Sciences

DOI: 10.2018/SS/202306010

Issue: 6 | Volume: 6 | Page No: 40-43

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Abstract

िनुष्य नेआधुषनक वैज्ञाषनक तकनीक िेंषवकास, उन्नत प्रौद्यौषगकी, उन्नत उत्पादन वालेबीज ों, रासायषनक खाद ों के उत्पादन तथा उपभ ग िेंवद्धद्ध तथा षवस्तार आषद के िाध्यि सेकृ षि िेंपयााप्त षवस्तार एवों षवकास षकया हैतथा षनरन्तर िानव जनसोंख्या के कारण बढ़ती खाद्यान्न ों की िााँग की पूषतात कर दी है, परन्तुसाथ ही साथ घातक पयाावरणीय सिस्याओों क भी जन्म षदया है। बढ़ती िानव जनसोंख्या क ध्यान िेंरखतेहुए कृ षि के षवस्तार एवों षवकास की रफ्तार क षनश्चय ही कायि रखना है। परन्तुसाथ ही यह भी देखना ह गा षक कृ षि षवकास कही बढ़ती रफ्तार के कारण पयाावरण अवनयन भयावह सिस्या का रूप न धारण कर लेंस्पष्ट हैषक आधुषनक आषथाक एवों प्रौद्य षगकी िानव उस चौराहेपर खड़ा हैषजसके चार ोंओर खतरा ही खतरा है। यषद जनसोंख्या िेंषवस्तार जारी रहता हैत हिेंकृ षि िेंषवस्तार एवों वृद्धद्ध करनी ही ह गी ताषक भूखेपेि ोंक भरनेके षलए कृ षि उत्पादन िेंवृद्धद्ध की जा सके । परन्तुऐसा करतेसिय हिेंअपनेषवनाश के षलए अपनेही द्वारा षनषिात सिय सेषनपिनेके षलए तैयार रहना पड़ेगा ।

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