Abstract
डॉ० सतीश कुमार राय ने नेपाली जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विचार करते हुए, उस पर नेपाली जी के पिता और पारिवारिक पृष्टभूमि के अवदान की चर्चा करते हुए लिखा है- “शौर्य के भीतर से ही सौंदर्य का संगीत फूटता है। जिस बदल में जितना अधिक जल होता है उसमे उतनी ही अधिक बिजली होती है। नेपाली के सन्दर्भ में ये पंक्तियाँ पूरी तरह सार्थक प्रतीत होती है।
View more >>