Abstract
सामाजिक परिवर्तन के परिदृश्य में वेश्यावृत्ति की दुनियां में भी आमूल – चूल परिवर्तन आया है। जहाँ पुरुष पहले केवल स्त्रियों से यौन सेवा लेता था और उनकी यौनिकता को नियंत्रित व शोषित करता था, वहीं अब पुरुष भी यौन सेवा देने लगा है; हलाकि पुरुष वेश्यावृत्ति महिला वेश्यावृत्ति जैसा विस्तृत एवं विशाल तो नहीं है, परन्तु बहुत तेजी से यह अपने पाँव पसार रहा है। इसी विषय बिन्दु पर शोधकर्ता ने भारतीय शिक्षित युवाओं के दृष्टिकोणों को जानने व समझने का प्रयास किया है। प्रस्तुत शोध पत्र में युवाओं के दृष्टिकोण से पुरुष वेश्यावृत्ति के अवधारणात्मक तथ्यों, विस्तार के कारणों, पुरुष यौनकर्मियों की अनुमानित समस्याओं व समाज पर इसके सकारात्मक व नकारात्मक परिणामों सहित अन्य पक्षों को खंगालने का प्रयास किया गया है।
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